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बिहार में 90 के दशक में कैसे होती थी बूथ कैप्चरिंग? किरेन रिजिजू ने शेयर किया वीडियो

किरेन रिजिजू द्वारा शेयर किया गया वीडियो साल 1998 का है. उस वक्त बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सरकार थी. साल 1998 में बूथ कैप्चरिंग कैसे होती थी? इसे लेकर उन्होंने वीडियो साझा किया है.

बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले विपक्ष के नेता चुनाव आयोग और केंद्र पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगा रहे हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 90 के दशक में बूथ कैप्चरिंग का एक वीडियो शेयर किया है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया है. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि देखो, तुम्हारे समय में वोट चोरी कैसे होती थी. सबसे बड़ा चोर चोरी के बारे में चिल्ला रहा है.

किरेन रिजिजू द्वारा शेयर किया गया वीडियो साल 1998 का है. उस वक्त बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सरकार थी. साल 1998 में बूथ कैप्चरिंग कैसे होती थी? इसे लेकर उन्होंने वीडियो साझा किया है. इस वीडियो में बूथ कैप्चरिंग का जिक्र करते हुए दिखाया गया है कि उस वक्त पोलिंग बूथ के बाहर खुले मैदान में मतपेटी के अंदर खुलेआम मतदाता पर्ची डाली जाती थी. साथ ही वीडियो में इसका भी जिक्र है कि लालू राज का वो 90 का दौर था. उस वक्त खुलेआम वोट और बूथ लूटे जाते थे.

बिहार में विपक्ष का SIR का विरोध 

वहीं, बिहार में कराए गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में विपक्ष ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाली थी. लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस यात्रा की अगुवाई की.

राहुल गांधी ने कहा था कि बिहार में किसी भी कीमत पर वोट चोरी नहीं होने देंगे. उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर सीधे सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि लोकतंत्र के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. उन्होंने कहा कि जनता की ताकत सबसे बड़ी है और जब जनता जागरूक होती है तो कोई ताकत उनके हक को नहीं छीन सकती है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वोट के अधिकार की रक्षा के लिए सतर्क और एकजुट रहें.

अश्विनी सिंह

Author at arthikshiksha.com

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